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"घाघरा और ओढ़नी में बैठना सिर्फ एक पारंपरिक पहनावा नहीं, बल्कि यह उस शक्ति और आत्मविश्वास का प्रतीक है जो हर महिला में छिपी होती है। यह दिखाता है कि पारंपरिकता और आधुनिकता का संगम समाज में महिलाओं की समानता और सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम और बढ़ाता है।"

— सुमन खीचड़, अध्यक्ष, ज़िला परिषद, फतेहाबाद

"हर कदम पर, हर मंच पर, मैं यह दिखाना चाहती हूं कि महिला सशक्तिकरण सिर्फ शब्दों में नहीं, बल्कि उनके कार्यों में दिखाई देता है। पारंपरिक पोशाक पहनकर हम अपनी संस्कृति को सम्मान देते हुए, समाज में बदलाव ला सकते हैं।"

— सुमन खीचड़, अध्यक्ष, ज़िला परिषद, फतेहाबाद

"पारंपरिकता और आधुनिकता का संगम समाज को एक नया दृष्टिकोण देता है। मैं चाहती हूं कि हर महिला अपनी पहचान पर गर्व करे, चाहे वह पारंपरिक पोशाक में हो या आधुनिक, समाज के हर क्षेत्र में अपनी जगह बनाए।"

— सुमन खीचड़, अध्यक्ष, ज़िला परिषद, फतेहाबाद

"हमारा समाज तभी सशक्त होगा जब महिलाएं अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों को पूरी ताकत से निभाएंगी। मैं इस बदलाव की ओर एक कदम और बढ़ने की कोशिश करती हूं, जहां हर महिला का योगदान समाज के हर क्षेत्र में दिखाई दे।"

— सुमन खीचड़, अध्यक्ष, ज़िला परिषद, फतेहाबाद

"बालिका पंचायत का गठन केवल एक राजनीतिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि यह हमारे समाज में महिलाओं की भागीदारी और नेतृत्व की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

— सुमन खीचड़, अध्यक्ष, ज़िला परिषद, फतेहाबाद

"बालिका पंचायत का उद्देश्य केवल चुनाव प्रक्रिया नहीं, बल्कि यह एक शिक्षा है कि महिलाएं राजनीति, नेतृत्व और समाज सेवा में समान रूप से सक्षम हैं।"

— सुमन खीचड़, अध्यक्ष, ज़िला परिषद, फतेहाबाद

"विकास केवल सड़कें और इमारतें नहीं, बल्कि यह लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने का माध्यम है। मैंने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि जो भी योजना या परियोजना हो, उसका लाभ सीधे लोगों तक पहुंचे।"

— सुमन खीचड़, अध्यक्ष, ज़िला परिषद, फतेहाबाद

"हमारा उद्देश्य सिर्फ बुनियादी ढांचे का निर्माण नहीं है, बल्कि हर गाँव, हर व्यक्ति को सशक्त बनाना है। जब गांवों में स्वास्थ्य, शिक्षा और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी, तभी असल विकास होगा।"

— सुमन खीचड़, अध्यक्ष, ज़िला परिषद, फतेहाबाद

"हमने अपने जिले के विकास को जन-जन की आवश्यकता के आधार पर तय किया है। मैंने हमेशा यह सुनिश्चित किया कि महिलाएं, बच्चे और किसान सभी को समान अवसर मिलें, ताकि समाज का हर वर्ग समृद्ध हो सके।"

— सुमन खीचड़, अध्यक्ष, ज़िला परिषद, फतेहाबाद

"हमारे शहीदों की शहादत को सम्मानित करना केवल उनकी याद में नहीं, बल्कि हमारे कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को समझने में है। उनके बलिदान से प्रेरित होकर, हम अपने समाज और राष्ट्र की सेवा में अपना योगदान देने का संकल्प लेते हैं।"

— सुमन खीचड़, अध्यक्ष, ज़िला परिषद, फतेहाबाद

"जब तक हम अपने शहीदों के योगदान को सम्मानित करते रहेंगे, तब तक उनका बलिदान जीवित रहेगा। यह शहीद स्मारक हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।"

— सुमन खीचड़, अध्यक्ष, ज़िला परिषद, फतेहाबाद

"यह कमरा सिर्फ एक स्थान नहीं है, बल्कि हमारे बच्चों के सपनों की शुरुआत है। आज हम उनके उज्जवल भविष्य की दिशा में एक और कदम बढ़ा रहे हैं।"

— सुमन खीचड़, अध्यक्ष, ज़िला परिषद, फतेहाबाद