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ग्रामीण विकास का नया अध्याय : एडवोकेट सुमन खिचड़ जी का अद्भुत नेतृत्व

भारत की असली ताकत उसके गांवों में छिपी है। जब तक गांव विकसित नहीं होंगे, तब तक देश को समृद्धि की ऊंचाइयों पर ले जाना एक सपना ही रहेगा। लेकिन यह सपना हकीकत में तब बदलता है, जब कोई नेता अपना स्वार्थ छोड़कर गांव के अंतिम व्यक्ति तक विकास की रोशनी पहुंचाने का संकल्प ले। फतेहाबाद जिले की जिला परिषद अध्यक्ष एडवोकेट सुमन खिचड़ जी ने इसी संकल्प और सेवा की भावना को अपना जीवन बनाया। उन्होंने ग्रामीण विकास की अवधारणा को सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे धरातल पर उतारकर दिखाया।

भारत की असली ताकत उसके गांवों में छिपी है। जब तक गांव विकसित नहीं होंगे, तब तक देश को समृद्धि की ऊंचाइयों पर ले जाना एक सपना ही रहेगा। लेकिन यह सपना हकीकत में तब बदलता है, जब कोई नेता अपना स्वार्थ छोड़कर गांव के अंतिम व्यक्ति तक विकास की रोशनी पहुंचाने का संकल्प ले। फतेहाबाद जिले की जिला परिषद अध्यक्ष एडवोकेट सुमन खिचड़ जी ने इसी संकल्प और सेवा की भावना को अपना जीवन बनाया। उन्होंने ग्रामीण विकास की अवधारणा को सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे धरातल पर उतारकर दिखाया।

भारत की असली ताकत उसके गांवों में छिपी है। जब तक गांव विकसित नहीं होंगे, तब तक देश को समृद्धि की ऊंचाइयों पर ले जाना एक सपना ही रहेगा। लेकिन यह सपना हकीकत में तब बदलता है, जब कोई नेता अपना स्वार्थ छोड़कर गांव के अंतिम व्यक्ति तक विकास की रोशनी पहुंचाने का संकल्प ले। फतेहाबाद जिले की जिला परिषद अध्यक्ष एडवोकेट सुमन खिचड़ जी ने इसी संकल्प और सेवा की भावना को अपना जीवन बनाया। उन्होंने ग्रामीण विकास की अवधारणा को सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे धरातल पर उतारकर दिखाया।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की व्यवस्था को सुदृढ़ करने, गांवों में स्वास्थ्य शिविर लगाने और महिलाओं के लिए विशेष पोषण जागरूकता अभियान चलाने में अग्रणी भूमिका निभाई। उनके प्रयासों से हजारों परिवारों में स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी।

ग्रामीण विकास में उनकी विशेष प्राथमिकताओं में स्वच्छता मिशन भी शामिल रहा। उन्होंने जिला परिषद के माध्यम से पंचायतों को प्रोत्साहित किया कि हर गांव में ठोस कचरा प्रबंधन, गंदगी मुक्त गलियां और स्वच्छ जलापूर्ति सुनिश्चित की जाए। उनका मानना है कि स्वच्छ गांव ही स्वस्थ और आत्मनिर्भर समाज की बुनियाद होते हैं।

सुमन खिचड़ जी की सबसे बड़ी खूबी यह है कि वे हर कार्य में जनसहभागिता को सर्वोपरि मानती हैं। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठकर विकास की प्राथमिकताएं तय कीं, ग्राम सभाओं में सीधा संवाद किया और हर निर्णय को लोकतांत्रिक पद्धति से आगे बढ़ाया। इसी कारण फतेहाबाद के गांवों में विकास की रफ्तार तेज हुई और लोगों का भरोसा मजबूत हुआ।

सुमन जी की कार्यशैली में संवेदनशीलता और कठोर अनुशासन का अद्भुत संतुलन दिखाई देता है। चाहे कोई योजना लागू करनी हो या किसी समस्या का समाधान निकालना हो, वे व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदारी लेकर सुनिश्चित करती हैं कि हर काम ईमानदारी से पूरा हो। यही नेतृत्व की असली पहचान होती है।

आज मैं यह कहने में संकोच नहीं करता कि ग्रामीण विकास के क्षेत्र में सुमन खिचड़ जी का योगदान केवल फतेहाबाद ही नहीं, बल्कि हरियाणा और देश के लिए एक आदर्श उदाहरण है। उनका नेतृत्व हमें यह सिखाता है कि परिवर्तन शब्दों से नहीं, कर्म से होता है।

डॉ सुभाष शर्मा फतेहाबाद (पूर्व प्रिन्सिपिल डी एन कॉलेज हिसार )